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ईश्वर अल्लाह जपते नाम कब आओगे देश के काम

जीसस मानो या सतनाम कब आओगे देश के काम


दुश्मन के घर का पानी भी जब हमको मंजूर नहीं

उसके देश की चीजें बरतें इतने हम मजबूर नहीं

करदो उसका काम तमाम कब आओगे देश के काम


इतने कड़वे हालातों की हमको दी लाचारी है

मत भूलो इस सब के पीछे चीनी जिम्मेदारी है

उसके यहां मचे कोहराम कब आओगे देश के काम


याद रखो हम सब के अंदर नफरत का आसार न हो

बस इतना ही चाह रहे हैं चीन का अब बाज़ार न हो

छीन लो सब उसका आराम कब आओगे देश के काम


फ़र्ज़ नहीं बस केवल उनका जो सीमा पर जूझ रहे

हम उनकी ताकत बन जाएं  इतनी हम में सूझ रहे

हासिल अपना करो मुकाम कब आओगे देश के काम


ईश्वर अल्लाह जपते नाम कब आओगे देश के काम

जीसस मानो या सतनाम कब आओगे देश के काम


।रचयिता वेद।