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होके रुसवा भरे जमाने में 

गम भुलाते गए मयखाने में

तुझ से सीधा नहीं किया शिकवा

हम जताते गए मयखाने में

दर्द तकलीफ बेवफाई सब

हम लुटाते गए मयखाने में

ईद दीवाली नए साल सभी

हम मनाते गए मयखाने में

यादगारें वो खत मिले तोहफे

हम जलाते गए मयखाने में

होके रुसवा भरे जमाने में 

गम भुलाते गए मयखाने में

तुझ से सीधा नहीं किया शिकवा

हम जताते गए मयखाने में

।दागी।